राम राज्य फाउंडेशन 2011 जनवरी में हैदराबाद में पंजीकृत की गयी। उद्देश्य नाम से ही स्पष्ट है। राम राज्य का आधार खड़ा करना। 2012 अक्षय तृतीया को अयोध्या में पूर्व सांसद विश्वनाथदास शास्त्री के निवास पर इस न्यास द्वारा राम राज्य हेतु विश्व संसद का उद्घाटन मात्र 4-5 राम भक्तों की उपस्थिति मे किया गया।
विश्व संसद स्थल अयोध्या व प्रति वर्ष संसद के दो सत्र दोनों नवरात्रि मे निर्धारित किये गये। सदस्यता संख्या 1008 यानी विश्व के सात सौ करोड़ लोगों में प्रत्येक विश्व सांसद लगभग 70 लाख का प्रतिनिधित्व करेगा। विश्व के सभी बड़े देशों के 200 सदस्य बनाये जा चुके हैं।
प्रत्येक सत्र में रामराज्य हेतु विश्व प्रधानमंत्री व सदस्यता का 10% उसके द्वारा नामित मंत्री रहते है जिनका कार्यकाल अगले सत्र तक रहता है। सत्र के अंत में सदन अपना प्रधानमंत्री चुनता है या पूर्व प्रधानमंत्री के कार्य काल को बढा देता है। इस प्रकार पिछली नवरात्रि में 7 वां विश्व प्रधानमंत्री अफ्रीका लागोस से नामित किया गया। इसके पूर्व एक अमेरिका एक यूरोप व 4 भारत के प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।
इस संसद सत्र के पूर्व केंद्रीय कार्यकारिणी ने ब्रिटेन की तरह संसद में दो सदन हाउस आफ लार्डस् व हाउस आफ कामनस् को अनुमोदन किया। इसी आधार पर 13 मार्च 2015 को अयोध्या में हाउस आफ लार्डस् फार राम राज्य का उद्घाटन किया गया। हाउस आफ लार्डस फार राम राज्य में केवल भारत के राज परिवारों से जुड़े लोग ही सदस्य नामित किये जाते हैं इसी हाउस आफ लार्डस के सदस्यों मे से दूसरे देशों मे रामराज्य के राज्यपाल नामित किये जाते हैं।
इसके अतिरिक्त दूसरे देशों में रामराज्य के राजदूत व विश्व के सभी नगरों मे राम राज्य नगरप्रमुख भी नामित किये जाते हैं। क्योंकि रामराज्य एक राजतंत्र था अतः फाउंडेशन पूर्व राजतंत्र की तरह चुनाव की जगह चयन प्रक्रिया अपनाता है।
सदस्यता निःशुल्क है। परंतु केवल सदस्यों से तन मन धन से सहयोग की अपेक्षा की जाती है।