विश्व पर्यावरण मंत्रालय को भारत में गोलोकधाम मंत्रालय का नाम दिया गया है। जैसे हर नगर में शास्त्रीनगर, सुभाषनगर व लक्ष्मीनगर होते हैं ऐसे ही विश्व के हर नगर में गोलोकधाम को स्थापना करना। गोलोकधाम में 50-100 गायों की गोशाला के साथ वृद्ध निवास रहेगा। गोलोक धाम में एक कृष्ण मंदिर भी रहेगा जिसमें वहाँ के वृद्ध निवासी पारी पारी से अहर्निशि (24 घंटे) कृष्ण संकीर्तन करेंगे। कृष्ण के बिना गायें अनाथ हैं।
गोलोक धाम में चारों संध्या गो आरती होगी। क्योंकि गाय एक देवता है इसलिए गो सेवा से अधिक गो पूजा आवश्यक है। गाय को मनुष्य बचाने में असमर्थ है लेकिन यदि गाय में देवत्व जाग जाय तो वो स्वयं गाय व मनुष्य सहित पूरे विश्व को बचाने में समर्थ है।
गावो विश्वस्य मातरः।
गोलोकधाम मंत्रालय विश्व के प्रत्येक नगर में गोशाला + वृद्धाश्रम = गोलोकधाम की स्थापना करके गो पूजा द्वारा विश्व के पर्यावरण को पुनः संतुलित करेगा।