रामराज्य के प्रत्येक नगर व ग्राम मे 2 कार्यक्रम हैं|
1. हर घर की गृहलक्ष्मी द्वारा महालक्ष्मी को सजीव कर अपने घर को धनी बनाना।
2. हर घर के पुरुषों द्वारा आध घंटे रामायण का मास पारायण करके अपने घर में रामराज्य लाना।
इस कार्यक्रम के लिए निःशुल्क परामर्श उपलब्ध है। परन्तु यह कार्यक्रम घर घर पहुँचाने के लिए संगठन की आवश्यकता होगी। इसीलिए प्रत्येक नगर में रामराज्य नगर प्रमुख बनाये जायेंगे और उनके नगर मंत्रिमंडल होंगे जिसमे ज्ञान मंत्री, निरोग मंत्री, धन मंत्री, गोलोकधाम मंत्री व् सफलता मंत्री ये ५ मंत्री होंगे। जिसे नगर राम पंचायत भी कहा जा सकेगा ।
इसी प्रकार प्रत्येक ग्राम में रामराज्य ग्राम प्रमुख होगा और उसका ग्राम रामराज्य मंत्रिमंडल होगा जिसमे ज्ञान मंत्री, धन मंत्री, निरोग मंत्री, गो मंत्री व् विजय मंत्री रहेंगे । रामराज्य ग्राम प्रमुख व सब मंत्री मिलकर ग्राम की राम पंचायत कहलायेंगे ।इस प्रकार 6 लोगों का समूह नगर या ग्राम का रामराज्य का केन्द्र बिन्दु बन गया। अब यह समूह सप्ताह में एक दिन आध घंटे रामायण का मास परायण और आध घंटे लक्ष्मी पाठ एक स्थान पर करने लगा तो रामराज्य का प्रचार व विस्तार शुरू हो गया।
इस समूह के नगर की धुरी बन जाने पर समूह को अनेक ऐसे लोग मिल जाएँगे जो स्वयं पाठ नहीं कर सकते पर अपने घर को धनी बनाकर रामराज्य का अनुभव करना चाहते हैं और इसके लिए मूल्य चुका सकते हैं। बस यहीं से धन का आदान प्रदान शुरू हो जाएगा।जिन नगरों में पाठ कराकर धन लेने वाले समूह नहीं होंगे वे अपना पाठ अयोध्या या वृंदावन में करा सकेंगे।