सभी रामराज्य नगरप्रमुख अपने परिचितो में से चार पांच मंत्री नगर रामराज्य में रख सकते हैं।
1. नगर ज्ञान मंत्री,
2. नगर धन मंत्री,
3. नगर जन-निरोग मंत्री,
4. नगर गोलोकधाम मंत्री,
5. नगर विजय मंत्री
1. नगर ज्ञान मंत्री विद्यालयों मे रामायण के मासपारायण, नवाह पारायण या अखंड रामायण की प्रेरणा देकर शिक्षा में हरि तत्व को जोड़कर विद्यार्थियों को शिक्षित के साथ साथ ज्ञानी भी बना देगा। कालांतर में रामायण पब्लिक स्कूल की नगर में स्थापना करेगा।
2. नगर धनमंत्री महिलाओं के लिए आरक्षित है। नगर धनमंत्री नगर की गृहलक्ष्मियों को महालक्ष्मी को सजीव करने की प्रेरणा देकर नागरिकों को धनी बनाकर नगर को धनी बनाने के दायित्व को पूरा करेगी।
3. नगर जन-निरोग मंत्री:- रोगियों को हनुमान चालीसा के 11 पाठ करने की प्रेरणा देकर नगर में दैवीय स्वास्थ्य की व्यवस्था करेगा। कालांतर में राम राज्य औषधालय स्थापित करेगा।
4. नगर गोलोकधाम मंत्री:- नगर के गोसेवको व गोशालाओं को गो आरती की प्रेरणा देकर गोसेवा में गोपूजा जोड़कर गाय में स्थिति करोड़ों देवताओं को जगाकर नगर के आसुरी वातावरण को दैवीय वातावरण में बदल देगा। कालांतर में गोशाला में वृद्धाश्रम जोड़कर एक गोलोकधाम की स्थापना करेगा।
5. नगर विजय मंत्री:- नागरिकों को अपने व्यक्तिगत कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए रामायण के मास पारायण द्वारा सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा देगा। सूर्य सफलता का कारक है इसीलिए सूर्यवंशी श्रीराम विजय का प्रतीक है।
रामराज्य फाउंडेशन का काम राम के प्रति आस्थावान लोगों को एक मंच पर इकट्ठा करना है।
सभी रामायण व पुस्तकें जो राम के प्रति आस्थावान हैं रामराज्य के प्रामाणिक ग्रंथ है।
सभी स्तरों पर प्रमुख अपने ज्ञानमंत्री, धनमंत्री, निरोग मंत्री, गौ मंत्री, विजयमंत्री का चयन करके सुझाव भेजे।
ज्ञान मंत्री में शिक्षा से जुड़े लोगों को चयनित किया जाना चाहिये।
धन मंत्री महिलाओं के लिए आरक्षित करके गृहलक्ष्मियों को देना चाहिये परन्तु अपरिचित महिलाओं को इस कार्यक्रम में नहीं जोड़ना चाहिये। घर की सौम्य महिलाओं को प्राथमिकता देना चाहिये जिससे संगठन अनावश्यक विवाद से दूर रहे।
निरोग मंत्री में चिकित्सा से संबंधित राम के प्रति आस्थावान लोगों को जोड़ना चाहिए।
गो मंत्री में गाय के प्रति आस्थावान उन लोगों को जोड़ना चाहिये जो गो सेवा की बजाय गो पूजा के महत्व को समझ सकते हों। गाय में विराजमान देवताओं को गो पूजा के द्वारा सजीव करने पर विभिन्न जगहों पर आसुरी तत्व का स्थान दैवी तत्व ले लेगा जिससे समाज में व्यापत विभिन्न दोषों का स्वतः शमन हो जाएगा।
विजय मंत्री में धनात्मक सोच वाले व्यक्ति को प्राथमिकता देना चाहिये बार बार इतिहास की दुहाई देने वाले विश्व का भूगोल नहीं बदल सकते।
बीती ताहि बिसारि दे आगे की सुध ले।
प्रारंभ मे चयन प्रक्रिया हेतु सुझाव आमंत्रित है परन्तु कोई भी पत्र केन्द्रीय कार्यालय अयोध्या से ही दिया जाना चाहिये जिससे अयोध्या विश्व की राजधानी स्थापित की जा सके। जहाँ तक हो सके विभिन्न पदों हेतु शपथ ग्रहण कार्यक्रम अयोध्या मे दोनों नवरात्रि के सत्रकाल में ही रखे जाने चाहिये जिससे विश्व व्यापी या ब्राह्मी सोच विकसित हो सके।
राम ब्रह्म परमारथ रूपा।