'रामराज्य हिन्दू राष्ट्र नहीं हिन्दू विश्व के लिए प्रयत्नशील है। परंतु रामराज्य एक विशुद्ध शासन है जो सभी धर्म जाति भाषा के परे मानव मात्र को एक दुख विहीन समाज में ले जाना चाहता है। सभी संगठनों के उद्देश्य अलग अलग होते हैं। संघ की विचारधारा अलग है लेकिन रामराज्य एक वैश्विक परिकल्पना है। अतः रामराज्य के मंच को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जाना चाहिये। जो लोग संघ और रामराज्य दोनों संगठन में हैं उन्हें संघ के मंच पर संघ का अनुशासन मानना चाहिये परन्तु रामराज्य के मंच पर रामराज्य की वैश्विक परिकल्पना को समझकर आचरण करना चाहिये।
रामराज्य पूरे विश्व के लिए एक आशा की किरण है रामराज्य धर्म से अधिक एक सुशासन है यथा राम राज्य दुख काहुहि नहिं व्यापा । अतः रामराज्य का सभी धर्म, सभी संस्कृतियां, सभी भाषाएँ गुणगान करते हैं।
हमारे रामराज्य के समूहों मे भी सभी दलों सभी पार्टियों के लोग हैं अतः दल विशेष का समर्थन या खंडन करना रामराज्य की नीति नहीं है। रामराज्य की एकाग्रता सुशासन में है।
क्या अयोध्या में मंदिर बन जाएगा तो रामराज्य आ जाएगा ? इसलिए अयोध्या मंदिर राम राज्य की प्राथमिकता नहीं है। अयोध्या विश्व रामराज्य की राजधानी का गौरव पुनः प्राप्त करे यह रामराज्य की प्राथमिकता है।
विश्व में राम के समर्थक हिन्दूओं से ज्यादा हैं इसलिए विश्व में रामराज्य हिन्दू राज्य से भिन्न है। किसी भी धर्म जाति भाषा का आदमी जो राम में आस्था रखता है रामराज्य के लिए महत्वपूर्ण है। परन्तु वे हिन्दू जो राम में आस्था नहीं रखते रामराज्य में महत्वहीन हैं। इसलिए रामराज्य की अवधारणा में हिन्दूत्व का महत्व नहीं है वरन् राम के प्रति आस्था का महत्व है। क्योंकि राम के समर्थक मानते हैं सबै भूमि गोपाल की अतः रामराज्य भारतीय नहीं है विश्वव्यापी है। रामराज्य में भारतमाता से ऊपर धरतीमाता है। रामराज्य वसुधैव कटुम्बकम् ही है।