१. गो ब्राह्मण यज्ञ विश्व में ब्राह्मण एवं गौ की रक्षा के बिना राम राज्य नही आ सकता। अतः ब्राह्मण व गौ की रक्षा के लिए एक यज्ञ का आयोजन प्रति वर्ष दोनों नवरात्रि की भांति इस बार भी ८ अप्रैल से १९ अप्रैल रामकुंड अयोध्या में किया जायेगा इस अवसर पर प्रभु श्रीराम की कृपा प्राप्त करने के लिए राम कथा का भी आयोजन किया जाएगा । सभी से करबद्ध प्रार्थना है कि इस ब्राह्मण एवं गौ रक्षा यज्ञ में तन मन धन से सहयोग कर विश्व रामराज्य का आधार पुष्ट करें।
२. आतंकवाद निराधक यज्ञ : आतंकवाद एक आसुरी शक्ति है अतः रूस अमरीका ब्रिटेन चीन की मानवीय रक्षा उसका हल नहीं कर पा रही हैं उसका हल भारत और केवल भारत दैवी शक्ति के जागरण द्वारा कर सकता है ।
पिछले नवरात्रि की भांति इस बार भी ८ अप्रैल से १९ अप्रैल 2016 रामकुंड अयोध्या मेंआतंकवाद निरोधक यज्ञ किया जायेगा ।
३. अखंड कश्मीर यज्ञ : अखंड कश्मीर में कार्य रत आसुरी शक्तियों के शमन हेतु रामरक्षा स्तोत्र का पाठ इस बार भी ८ अप्रैल से १९ अप्रैल रामकुंड अयोध्या में अखंड कश्मीर यज्ञ का आयोजन जायेगा ।
४. चुनाव या मुकदमा में विजय के लिए आत्मयोगीजी द्वारा विशेषज्ञों की देखरेख में विजय यज्ञ समय समय पर कराया जाता है । सूर्य विजय का कारक होता है अतः सूर्य देवता का जप व यज्ञ निश्चित सफलता देने वाला होता है । जप या यज्ञ में जप संख्या का निर्धारण कुंडली में सूर्य की शक्ति देखकर किया जाता है ।
५. पुत्रेष्टि यज्ञ भाग्यशाली संतान हेतु यज्ञ | सदियों पूर्व, रामराज्य से भी पहले राजा दशरथ (जब निःसंतान थे) ने भाग्यशाली संतान प्राप्त हेतु, गुरु वशिष्ठ की सलाह से पुत्र कामेष्टि यज्ञ किया था | तदुपरांत उन्हें चार पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की प्राप्ति हुई थी ठीक उसी अयोध्या में भाग्यशाली संतान प्राप्त हेतु पुत्र कामेष्टि यज्ञ का आयोजन ८ - १९ अप्रैल २०१६ तक किया जायेगा जो व्यक्ति प्रतापी, सदाचारी एवं सर्वगुण संपन्न संतान चाहते है या वर्तमान संतान को प्रतापी, सदाचारी एवं सर्वगुण संपन्न बनाना चाहते है वे इस यज्ञ में यजमान बनकर अथवा यथायोग्य भाग लेकर लाभ उठायें। आत्मयोगी, मो0 09290778701 या ईमेल aatmyogi@gmail.com पर संपर्क करें।
६ . पतिदेवता यज्ञ:- जो कन्याएं पति की प्राप्ति न होने के कारण गृहलक्ष्मी नहीं बन पा रही उनके लिए समय समय पर महालक्ष्मी की प्रसन्नता द्वारा सतोगुणी पति प्राप्त करने के लिए यज्ञ अनुष्ठान बताया जाता है । जिनके पति रुष्ट अथवा उदासीन रहते हों वे भी पतिदेवता यज्ञ द्वारा अपने पति को प्रसन्न कर सकती हैं ।
७. गृहलक्ष्मी यज्ञ :-जिन युवको को गृहलक्ष्मी लक्ष्मी कृपा के अभाव में प्राप्त नहीं हो रही है या जिनकी गृहलक्ष्मी लक्ष्मी कृपा के अभाव में रुष्ट अथवा उदासीन
रहती है वो गृहलक्ष्मी यज्ञ कर सकते हैं । शीघ्र लाभ प्राप्त होता है ।